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Warning : Banking क्षेत्र में मंडराया खतरा || NPA ने बड़ाई कर्ज की लागत

Warning : Banking क्षेत्र में मंडराया खतरा || NPA ने बड़ाई कर्ज की लागत


Warning : Banking क्षेत्र में मंडराया खतरा || NPA ने बड़ाई कर्ज की लागत


NPA (फंसे कर्ज) और कर्ज की लागत बढ़ने से भविष्य में भारतीय बैंकिंग क्षेत्र पर संकट बढ़ सकता है। फिच रेटिंग ने सोमवार को कहा कि पहले से मुश्किलों से गुजर रहे वित्तीय क्षेत्र को लॉकडाउन के कारण पिछले साल और बड़ा धक्का लगा। इसके अलावा, CORONA VIRUS महामारी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को तेजी देने के लिए शुरू की गईं आसान कर्ज देने की नीतियों में भी बदलाव आ रहा है। जोखिम के डर से Bank आसानी से कर्ज नहीं दे रहे हैं। हालांकि, तिमाही report से पता चलता है कि वित्तीय क्षेत्र से जुड़ी companiyan के मुनाफे और संपत्ति की गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ है। 


Fich का कहना है कि हाल में आया सुधार महामारी की वजह से वित्तीय क्षेत्र पर पड़े दबाव पर एक मुखौटा मात्र है। वास्तविक हालात इससे अलग हैं, जो बताते हैं कि bank पर आगे चलकर महामारी के कारण छोटे कारोबारियों पर पड़े प्रभाव और बढ़ी बेरोजगारी का असर देखने को मिल सकता है। Rbi ने भी जनवरी में warning दी थी कि सबसे ज्यादा दबाव वाली स्थिति में भारतीय banking क्षेत्र का बैड लोन दोगुना यानी 14.8 फीसदी के आसपास तक जा सकता है Rating agency ने नोट में कहा, असंगठित अर्थव्यवस्था एवं छोटे कारोबार पर corona के असर, उच्च बेरोजगारी दर और घटते निजी उपभोग का bank की बैलेंसशीट पर पड़ने वाला वास्तविक प्रभाव अभी तक पूरी तरह देखने को नहीं मिला है। आगे इसका पूरा असर दिखेगा।


Fich का कहना है कि तीसरी तिमाही में indian अर्थव्यवस्था में तेजी देखने को मिली है, लेकिन बहुत क्षेत्र अपनी क्षमता से कम स्तर पर काम कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था के कुछ संकेतक भी खुदरा ग्राहकों पर दबाव की ओर इशारा कर रहे हैं। खुदरा ग्राहकों और दबाव से गुजर रहे छोटे-मझोले उद्योगों को कर्ज देने की दबाब के कारण बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता पर और दबाव देखने को मिल सकता है।


Government bank पर ज्यादा खतरा, private बैंकों में वृद्धि के संकेत मिले

फिच ने कहा कि सीमित बफर की वजह से सरकारी बैंक कोरोना से जुड़े दबाव का ज्यादा आसान शिकार हो सकते हैं। हालांकि, private बैंक को उतना खतरा नहीं है।


Report मुताबिक, सरकार ने 2021-22 में Government Bank में 5.5 अरब डॉलर पूंजी डालने का फैसला किया है, जो पर्याप्त नहीं है। Banking क्षेत्र को दबाव से उबारने के लिए 15 से 58 अरब dollar पूंजी की जरूरत होगी। फिच के मुताबिक, 2021-22 में Government bank के मुकाबले private Bank में ज्यादा बेहतर वृद्धि देखने को मिलेगी।

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